23/10/15

परीक्षा में सफलता के रहष्य जानकर दूसरों से आगे बढ़ें

परीक्षा में सफल होने के लिए कठिन परिश्रम (Hard Work) और स्मार्ट वर्क (Smart Work) दोनों की आवश्यकता होती है। यदि आप सिर्फ कठिन परिश्रम करते हैं तो आपको पढाई के लिए अत्याधिक समय देना पड़ेगा और हो सकता है कि पढाई के अलावा आप अन्य चीजों में पिछड़ जाएँ।

यदि आप सिर्फ स्मार्ट वर्क करते हैं तो आप बहुत अधिक अंक प्राप्त नहीं कर पाएंगे और हो सकता है की परीक्षा में आपके साथ धोखा हो जाय।

इसलिए परीक्षा में अपार सफलता के लिए hard work और smart work का combination बहुत जरूरी है। इस लेख में मैं आपको कुछ ऐसे ही टिप्स देने वाला हूँ जो इन दोनों प्रकार के तरीकों का प्रयोग कर परीक्षा में आपको अपार सफलता दिलाएँगे।

समय का सदुपयोग करें

आपका समय बहुमूल्य है इसे व्यर्थ न गवाएं।

मनुष्य के पास समय सिमित होता है और जो चीज सिमित होती है उसका मूल्य बहुत अधिक होता है। हर एक छात्र के पास प्रतिदिन सामान समय २४ घंटे होते हैं। अब उसी सामान समय में कोई टॉप करता है और कोई फेल हो जाता है। तो फिर समय सामान होते हुए भी एक सफल विद्यार्थी और एक असफल विद्यार्थी में क्या अंतर होता है?

मनुष्य के पास सदा से ही अपने समय को व्यतीत करने के तमाम साधन रहे हैं। आज शायद कुछ ज्यादा ही हैं जैसे आज के छात्र के पास TV, लैपटॉप, स्मार्ट फोन, अखबार इत्यादि समय बर्बाद करने के साधन हैं। इन समय बर्बाद करने वाले साधनों का उपयोग कम कर आप उस समय का सदुपयोग पढाई के लिए कर सकते हैं। अर्थात आप अपने पढाई का समय बढ़ा कर सफलता की ओर बढ़ सकते हैं। आप तय कर लीजिए की आपको कितने घंटे पढना है और इन चीजों का समय काम कर के पढाई में लगाइए।

समय के सदुपयोग का स्मार्ट तरीका है कि आप अपनी कक्षा के समय का पूरा उपयोग करें। जब शिक्षक कक्षा में पढ़ाते हैं तो कई छात्र आपस में बातें करने में या इधर उधर करने में क्या पढ़ाया जा रहा है उस पर ध्यान नहीं देते। यह भी समय का दुरुपयोग है। जब शिक्षक कक्षा में पढ़ा रहे हैं तो उसे ध्यान से समझिए और जो समझ में ना आये उसे तुरंत पूछिए। कई छात्र कुछ समझ में ना आने पर संकोचवश उसे शिक्षकों से पूछते नहीं हैं। स्मार्ट का एक अर्थ बेशर्म भी होता है इसलिए याद रखें

जिसने की शर्म उसके फूटे कर्म।

इसलिए स्मार्ट बनिए यानिकी कक्षा का कक्षा में ही समझिए और जो न समझ आए बेशर्मी से पूछिए।

लगातार आगे बढ़ते रहें

कछुए और खरगोश की कहानी तो आपने सुनी होगी। इस कहानी में कछुआ भले ही धीरे-धीरे लेकिन लगातार आगे बढ़ता रहता है जबकि खरगोश तेजी से दौड़कर थक जाता है और फिर रुक जाता है आराम करने के लिए। और जब वह आराम करके उठता है तो कछुआ जीत चुका होता है। हालांकि यह एक काल्पनिक कहानी है लेकिन वास्तविक जीवन में भी सत्य है।

उदाहरण के लिए कभी आपने मैरॅाथन धावकों को देखा है, वो धीरे-धीरे ही सही लेकिन लगातार दौड़ते रहते हैं और केवल अंतिम १०० या २०० मीटर तेज दौड़ते हैं।

परीक्षा में सफलता के लिए भी ठीक यही strategy काम आती है। आप अपनी क्षमता के अनुसार धीरे-धीरे ही सही पर लगातार आगे बढ़ते रहें। कई छात्रों की आदत होती है कि वे प्रतिदिन तो नहीं पढ़ते पर टेस्ट या एग्जामिनेशन के पहले टाइम टेबल बना कर बहुत अधिक मेहनत करने की कोशिश करते हैं। और परिणाम हमेशा साधारण मिलता है। और एक विषय के टेस्ट में अगर वे सफल हो भी जाएँ तो भी इसकी वजह से अन्य विषयों की पढाई अस्त-व्यस्त हो जाती है, उनका सोना, खाना-पीना या अन्य काम अस्त-व्यस्त हो जाते हैं। परीक्षा में अपार सफलता प्राप्त करना किसी भी प्रकार से टेंशन की बात नहीं होनी चाहिए और यदि हर बार परीक्षा या टेस्ट आपके लिए टेंशन भरा होता है तो आप खरगोश की तरह दौड़ रहे हैं कछुए की तरह नहीं।

किसी भी कक्षा या विषय का सिलेबस बहुत सोच समझ कर बनाया जता है। और इसको पूरा करने का समय भी एक सामान्य (Average) छात्र के हिसाब से होता है। आपको थोड़ा कम या ज्यादा समय लग सकता है पर यह अंतर (Variation) बहुत अधिक नहीं होता। इसका मतलब अगर आप लगातार आगे बढ़ते रहते हैं तो सिलेबस पूरा करना आपके लिए किसी भी प्रकार से बोझ नहीं हो सकता।

परीक्षा का डर निकालिए

अगर आपको परीक्षा से बहुत डर लगता है। परीक्षा का नाम सुनते ही आपकी हालत खराब हो जाती है और आप टेंशन में आ जाते हैं, आते हुए उत्तर भी भूल जाते हैं या फिर समय ही नहीं बचता उन उत्तरों को लिखने के लिए। तो आपकी सारी मेहनत बर्बाद हो जाती है और यह बहुत ही दुखद है।

इसका कारण यदि विषय की पर्याप्त तैयारी का ना होना है तो इसका उपाय लगातार आगे बढ़ते रहना ही है। और यदि यह जेनुइन डर है तो इसका उपाय है की आप इस डर से लड़िए और इसे जीत लीजिए।

मित्रों डर के विषय में चाणक्य ने कहा है

“भय को पास न आने दो और जैसे ही वो पास आए उसपर आक्रमण कर उसे समाप्त कर दो।”

“As soon as the fear approaches near, attack and destroy it.”

अर्थात् परीक्षा के डर को निकालना है तो आप बार-बार परीक्षा दीजिए। परीक्षा की तयारी के लिए आप ज्यादा से ज्यादा मॉडल पेपर हल करें। इससे आपको उस विषय की परीक्षा का अभ्यास हो जाएगा और आप वास्तविक परीक्षा में होने वाली घबराहट और इस घबराहट से होने वाले नुकसान से बच जायेंगे।

मित्रों यह पोस्ट आपको कैसी लगी अपने विचार कमेंट के द्वारा बताइये।

यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी और आप हमारी नयी पोस्ट की जानकारी तुरंत अपने ईमेल पर प्राप्त करना चाहते हैं तो अभी सब्सक्राइब करें।

18/10/15

आवश्यक की आवश्यकता Importance Of Important In Hindi

Importance of Important
आवश्यक (Important) एक तुलनात्मक (Relative) शब्द है, अर्थात् हम यदि किसी कार्य को आवश्यक कहते हैं तो इसका मतलब है कि इस कार्य पर अन्य कार्यों की तुलना में अधिक ध्यान देना चाहिए और कोई काम यदि अत्यावश्यक है तो उसपर हमें आवश्यक कार्यों की तुलना में भी अधिक ध्यान देना चाहिए। इसी प्रकार यदि कोई कार्य आवश्यक नहीं है तो इसका मतलब है की उसपर आवश्यक एवं अत्यावश्यक कार्यों की तुलना में काम ध्यान देना चाहिए।

कार्यों की आवश्यकता भी समय के साथ बदलती रहती है। आज जो आवश्यक कार्य है कल वह अत्यावश्यक बन सकता है या फिर अनावश्यक भी बन सकता है। इसी प्रकार आज का अनावश्यक कार्य कल को अत्यावश्यक बन सकता है। उदाहरण के लिए यदि आप किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो परीक्षा के दिन तक परीक्षा की तैयारी करना आवश्यक है पर जब परीक्षा का समय आता है तो परीक्षा की तैयारी अनावश्यक हो जाती है और परीक्षा देना अत्यावश्यक हो जाता है।

सफलता की राह में एक रोड़ा यह भी है की लोग हर कार्य को आवश्यक बना लेते हैं। याद रखिये यदि आपका हर कार्य आवश्यक है तो फिर आवश्यक शब्द का कोई मतलब नहीं रह जाता क्योंकि तब हम हर कार्य को अत्यावश्यक या अनावश्यक भी कह सकते हैं। याद रखें

यदि हर चीज आवश्यक है तो फिर कुछ भी आवश्यक नहीं है।

If everything is important then nothing is important.

इसलिए प्रतिदिन के कार्यों को अत्यावश्यक आवश्यक और अनावश्यक कार्यों में बाँट कर करना चाहिए। आवश्यक और अनावश्यक चीजों का निर्णय करना भी सफलता के लिए बहुत जरूरी हो जाता है। यदि आप किसी समय में क्या आवश्यक है और क्या अनावश्यक है इसका निर्णय करने में दक्ष हैं तो आपकी सफलता कुछ हद तक सुनिश्चित मान सकते हैं।

मित्रों यह पोस्ट आपको कैसी लगी नीचे कमेंट के द्वारा हमें बताएं।

अगर आप हमारी नयी पोस्ट की जानकारी अपने ईमेल पर मुफ्त प्राप्त करना चाहते हैं तो सब्सक्राइब करें।

5/10/15

सफलता के मूल मंत्र

मित्रों सफलता कोई ऐसी वस्तु नहीं है जो तुरंत प्राप्त की जा सके। यह एक सतत प्रक्रिया होती है जिसके लिए हमें निरंतर सही दिशा में प्रयास करने पड़ते हैं। सफलता की सीढियां चढ़ कर हम अचानक ऊपर नहीं पहुँच जाते बल्कि इसके लिए हमें एक एक पायदान चढ़ना होता है।

सफलता के स्वप्न तो हर कोई देखता है, पर सफलता के लिए जो सतत प्रयास करने पड़ते हैं वो कोई नहीं करना चाहता और परिणाम स्वरुप असफलता ही उनके हाथ लगाती है। फिर लोग अपने भाग्य को कोसना शुरू कर देते हैं और सफल लोगों के भाग्य से जलने लगते हैं। मित्रों यदि भाग्य होता है तो आप कोई भी चेष्टा ही क्यों करते हैं? जैसे कि आप भूख लगने पर खाना क्यों खाते हैं? यदि आपके भाग्य में होगा तो आपका पेट स्वयं भर जाएगा। चलिए मान लेते हैं कि भाग्य होता है और भाग्य में जो लिखा होता है उसे कोई नहीं बदल सकता। तो फिर सवाल उठता है कि क्या आप जानते हैं की आपके भाग्य में क्या लिखा है? इसका जवाब है नहीं।

मित्रों भाग्य का होना या ना होना उतना बड़ा सवाल नहीं है। सवाल है कि हम क्या बदल सकते हैं और क्या नहीं? जो चीजें हम नहीं बदल सकते उनके विषय में चिंता करके क्यों हम अपना ब्लड प्रेशर (blood pressure) बढ़ाएं?
हमें सिर्फ़ उन चीजों पर ध्यान केन्द्रित(focus) करना चाहिए जिन्हें हम बदल सकते हैं।
We should focus on things we can change.
सफलता की राह में हमारी दो अड़चने हैं।

पहला हम उन चीजों का रोना रोते हैं जिन्हें हम बदल नहीं सकते। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है बीता हुआ समय। मित्रों बीते हुए समय का रोना रोते हुए बहुत से लोगों को आपने सुना होगा अब सवाल यह उठता है की बीते समय की घटनाओं को क्या हम बदल सकते हैं? यदि नहीं तो बीते दिनों पर आपना समय न व्यर्थ गवाँए और आगे बढ़ जायें। इसी प्रकार हम दूसरों को बदलने की कोशिश में भी अपना समय गँवा देते हैं जबकि हमें अपने आप को बदलने का प्रयास करना चाहिए।

दूसरा हम उन चीजों को भी अपरिवर्तनीय मान लेते हैं जिन्हें हम बदल सकते हैं। जैसे कि हमारी बुरी आदतें। मित्रों बुरी आदतों को अच्छी आदतों से बदलना आपको सफलता के करीब ले जायेगा।

यदि आप हर बार क्या बदल सकते हैं और क्या नहीं इसकी सही पहचान कर सकें और जिसे बदल सकते हैं उसी पर focus करें तो आपकी सफलता की राह आसान हो जायेगी।

मित्रों यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट के द्वारा बताइये।