31/7/16

फेसबुक के आप पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव Bad Effects Of Facebook

फेसबुक के बुरे प्रभाव
आज का युग internet का युग है और internet के इस युग में दुनिया के सबसे बड़े social media यानि फेसबुक का बोलबाला है। आज कोई व्यक्ति जब internet इस्तेमाल करना शुरू करता है तो ब्राउज़र का इस्तेमाल करना भले ही ना सीखे पर फेसबुक का profile पहले बनाता है। यहाँ तक कि अगर कोई खुद profile नहीं बना सकता तो वो दूसरों से अपना profile बनवाता है।

फेसबुक हमारे लिए काफी उपयोगी है, इसके द्वारा मित्र-रिश्तेदारों से कम्यूनिकेट करना बहुत ही आसान हो जाता है।

मैं पहले भी लिख चुका हूँ कि फेसबुक के लिए उसके users यानि आप उसके उत्पाद हैं। आप जो भी एक्टिविटी फेसबुक पर करते हैं वो सब लाॅग होती रहती है और फेसबुक इनका प्रयोग आपको समझने और आपके भविष्य की एक्टिविटीज जानने के लिए करता है। तथा इसी जानकारी की मदद से वो प्रचारकों को लुभाता है।

फेसबुक के प्रयोग से आपको बहुत से नुकसान भी होते हैं, जिनसे हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए। अब किसी भी खतरे से निबटने के लिए पहले हमें उन खतरों को पहचानना पड़ता है। इसलिए पहले यहाँ दिए गए फेसबुक के बुरे प्रभावों को जानिये और देखिये आप पर कौन से बुरे प्रभावों का असर हो रहा है। उसके बाद उन बुरे प्रभावों निपटने के उपाय कीजिये।

  1. फेसबुक समय व्यर्थ करता है– मित्रों संस्कृत में एक श्लोक है “अति सर्वत्र वर्जयेते” यानि अति किसी भी काम में नहीं करनी चाहिए। लेकिन बहुत से लोग अपना बहुत सा कीमती समय फेसबुक पर बिताते हैं जिससे उनके अन्य जरूरी काम पूरे नहीं हो पाते। खासकर स्टूडेंट्स के ऊपर तो फेसबुक का बहुत असर पड़ता है और इसके ज्यादा इस्तेमाल से उनकी पढाई पर बुरा असर होता है। लोग मिनट-मिनट में फेसबुक चेक करते हैं और अपना समय बर्बाद करते हैं।
  2. Facebook आपको डिप्रेश करता है– जी हाँ मित्रों फेसबुक और फेसबुक friends आपके सामने ऐसा माहौल बना देते हैं जिससे आपको डिप्रेशन हो सकता है। फेसबुक पर लोग हमेशा अपनी achievements को ही share करते हैं।अब अगर आपके फेसबुक पर सैकड़ों friends हैं तो रोज कोई न कोई friend अपनी कुछ न कुछ achievement जैसे कोई नयी purchase या कोई tour या कोई event की फोटो या स्टेटस share करता है। इसकी वजह से आपको ऐसा लगता है जैसे हर कोई आपसे काफी अधिक खुश और अच्छी स्थिति में है।

    पर असल में भी ऐसा ही हो ये जरूरी नहीं। क्योकि जब लोग समस्याओं से जूझ रहे होते हैं या फिर उनके साथ कुछ बुरा होता है तो अक्सर वो ये बातें फेसबुक पर पोस्ट नहीं करते। इससे फेसबुक पर एक प्रकार का bias पैदा हो जाता है जहाँ हर कोई खुश नजर आता है। और जब आप अपनी असली जिंदगी की तुलना फेसबुक पर उपलब्ध इन ख़ुशी भरी posts से करते हैं तो आपको लगता है कि आप अन्य लोगों की तुलना में ग़रीब, दुखी हैं और आपके जीवन में कुछ exiting नहीं हो रहा है।

    इन बातों से आप समझ गए होंगे कि फेसबुक किस प्रकार ऐसा माहौल बनता है जो आपको डिप्रेशन में ले जा सकता है।
  3. फेसबुक पर चीटिंग और फ्रॉड का खतरा रहता है– फेसबुक internet के माध्यम से चलता है जहाँ पर हर एक व्यक्ति की असलियत को verify करना संभव नहीं है। ऐसे में हम उनके द्वारा दी गयी जानकारी को ही सही मानकर चलते हैं इससे ऐसे लोगों पर भरोसा करना हमें काफी भरी पड़ सकता है।

    हालांकि फेसबुक की टर्म्स एंड पॉलिसीस में अपने बारे में गलत जानकारी देना allowed नहीं है पर इसको फेसबुक verify नहीं कर सकता।ऐसी स्थिति में फेसबुक पर फ्रॉड की खबरें अक्सर अखबारों में आती रहती हैं। इसके अलावा फेसबुक पर share की गयी जानकारियों की सत्यता प्रमाणित करना भी मुश्किल होता है और इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग फेसबुक पर झूठ फैलाते रहते हैं।
  4. फेसबुक से छात्रों का रिजल्ट खराब होता है– फेसबुक के अधिक इस्तेमाल से छात्रों की पढाई पर बुरा असर होता है। खासकर फेसबुक notifications और messenger पर chat रिक्वेस्ट से पढ़ाई बहुत डिस्टर्ब होती है और उनका रिजल्ट खराब हो जाता है।
  5. फेसबुक से आपका स्वास्थ्य खराब होता है– फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वाले दिन भर अपने मोबाइल या ल[पटप से चिपके रहते हैं जिससे उनकी physical एक्टिविटीज कम हो जाती हा जो आपके हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है।
  6. फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वालों को मौत का भी खतरा रहता है– जो लोग फेसबुक पर अजीब अजीब और खतरनाक जगहों की selfie पोस्ट करते रहते हैं उनकी इन खतरनाक जगहों पर selfie लेने के चक्कर में जान जाने का भी खतरा बना रहता है। selfie डेथ की ख़बरें आए दिन अखबारों में छपती रहती हैं।
  7. फेसबुक आपको internet से अलग कर देता है– जी हाँ फेसबुक भले ही internet पर ही चलता है पर इसके features आपको internet का इस्तेमाल ना कर फेसबुक पर ही रहने के लिए बाध्य कर देते हैं जिससे आप internet पर अन्य एक्टिविटीज करने के बजाय फेसबुक तक ही सिमित रह जाते हैं। और फेसबुक में जो share हुआ, जो न्यूज़ आयी, जो विडियो आया वही देखकर जानकारी जुटाते हैं। इस प्रकार आप internet के इस्तेमाल का पूरा फायदा नहीं उठा पाते।
  8. Facebook आपकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर सकता है– कुछ समय पहले फेसबुक ने एक experiment किया था जब उन्होंने लोगों के फेसबुक फीड में आने वाले posts को फ़िल्टर किया। यानी किसी को सिर्फ अच्छी खबरों वाले posts दिखाए और किसी को सिर्फ बुरी खबरों वाले posts। इसके बाद इन लोगों पर होने वाले प्रभाव को देखा गया। इस प्रयोग से यह स्पष्ट हो गया की फेसबुक पर जिस प्रकार की posts ज्यादा आती हैं लोगों का मूड भी वैसा ही हो जाता है।

    मतलब फेसबुक हमारी भावनाओं को बदल सकता है। यह स्थिति किसी भी समाज के लिए ठीक नहीं होती। क्योंकि यह फेसबुक को एक ऐसी शक्ति दे देती है जो लोगों का काफी नुक्सान कर सकती है। इसलिए फेसबुक का प्रयोग देश के दुश्मन प्रोपेगैंडा फ़ैलाने के लिए भी कर सकते हैं।

    आप थोड़ा ध्यान से देखेंगे तो आप को समझ में आयेगा की यह प्रोपेगैंडा वार फेसबुक पर चल रहा है और इस के लिए लोग आपस में भी लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं।

    लोगों को लगता है की वे समाज के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं लेकिन दरअसल लोग इस प्रोपेगैंडा वार के मोहरे बन कर रह जाते हैं।
  9. False sense of activism– फेसबुक पर अक्सर लोग समाज में फैली कुरीतियों को लेकर काफी अच्छे कमेन्ट करते हैं और किन्ही घटनाओं के समर्थन या विरोध में अपना dp चेंज करते हैं। इससे उन्हें लगता है की वो समाज में कोई पॉजिटिव चेंज लाने वाले हैं। पर कुछ मामलों को छोड़कर जायदातर आपके इन कमेंट्स या dp चेंज करने से कोई फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ आपका और आपके अपनों का समय बर्बाद होता है। इस तरह से समाज सुधारक बनाने के चक्कर में लोग अक्सर प्रोपेगैंडा वार के मुहरे बन कर रह जाते हैं।
  10. फेसबुक offices में employees की productivity को कम कर देता है– फेसबुक जब शुरू में आया था तो स्मार्ट फोन नहीं थे और मोबाइल internet का भी प्रचालन बहुत काम था। जब आप फेसबुक यूज़ करना चाहते थे तो आपको डेस्कटॉप या लैपटॉप पर बैठ कर इसे उसे करना पड़ता था।इस वजह से कम्पनियाँ ऑफिस टाइम में आपके फेसबुक के प्रयोग को बंद या सिमित कर सकती थीं।

    पर आज स्मार्ट फोन और मोबाइल internet के जमाने में यह काम असंभव सा हो गया है। आज लोग ऑफिस में भी अपने मोबाइल पर फेसबुक का इस्तेमाल करते रहते हैं इससे उनका काम का समय बर्बाद होता है और उनकी प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है।
मित्रों इस तरह आप देखते हैं कि फेसबुक के इस्तेमाल से हमें क्या क्या नुकसान होते रहते हैं। आपको ऐसा लग सकता है कि ये नुकसान केवल फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वालों को ही होता है पर ऐसा नहीं है।

फेसबुक का इस्तेमाल अगर आप प्रतिदिन 10 मिनट भी करते हैं तो भी आपको इसमे से कुछ नुकसान जैसे डिप्रेशन आदि हो सकते हैं।

जरूर पढ़ें फेसबुक इतने पैसे कैसे कमाता है? How Does Facebook Earns So Much Money?

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25/7/16

अंग्रेजी बोलना कैसे सीखें कुछ बेहतरीन टिप्स

अंग्रजी बोलना कैसे सीखे बेस्ट टिप्स
दोस्तों मेरी पिछली दो पोस्टों में आपने अंग्रेजी बोलना सीखने के क्यों, क्या और कैसे को जाना। अब मैं आपको अंग्रेजी बोलने के कुछ बेहतरीन टिप्स (मेरी समझ से) दूंगा। इन टिप्स के प्रयोग से न सिर्फ आपका अंग्रेजी बोलना सीखने का प्रयास आसान हो जायेगा बल्कि आप अंग्रेजी बोलना जल्दी सीख भी पाएंगे।

अगर आपने मेरी पिछली दो posts नहीं पढ़ी हैं तो उन्हें नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर के पढ़ सकते हैं

English बोलना कैसे सीखें भाग १(क्यों? और क्या?)

English बोलना कैसे सीखें भाग २(कैसे?)

  1. अंग्रेजी बोलने के लिए जब आप अपने शब्द भण्डार (Vocabulary) को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हों तो जो शब्द प्रचलन में ज्यादा हैं उनको पहले सीखने की कोशिश करें न कि कम इस्तेमाल होने वाले और कठिन शब्दों को।

    देखिये अधिक इस्तेमाल होने वाले और सरल शब्दों को आप आसानी से सीख सकते हैं और बार-बार इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको इन शब्दों का ज्ञान बहुत जल्दी हो जाता है।

    दूसरी ओर कठिन और कम इस्तेमाल होने वाले शब्दों का बोलचाल में एक तो प्रयोग करना आपके लिए मुश्किल होगा और दूसरा इनका इस्तेमाल करने के मौके आपको कम मिलेंगे। इससे आप इनको जल्दी नहीं सीख पायेंगे और आपकी मेहनत बेकार जायेगी।

    मैं यहाँ पर सामान्य अंग्रेजी बोलचाल की बात कर रहा हूँ, किसी स्पेशलाइज्ड क्षेत्र जैसे साइंस, इंजीनियरिंग, क़ानून या मेडिकल की नहीं। मेरा मतलब है कि अगर आप मानसिक रोगों की चिकित्सा से जुड़े हैं तो आपको schizophrenia शब्द सिखना ही होगा चाहे यह कितना ही कठिन क्यों न हो।

    हाँ एक बात जरूर है की किसी फील्ड से जुड़े शब्द कठिन भले ही हों पर उस फील्ड के लोगों के बीच उन शब्दों का इस्तेमाल अधिक होता है इससे आप इन्हें जल्दी सीख सकते हैं।
  2. मैं पहले ही बता चुका हूँ कि अंग्रेजी बोलना सीखने के लिए आपको शुरू से ही अंग्रेजी में बात करना शुरू करना होगा। अब कई बार ऐसा हो सकता है कि आप किसी से बात कर रहे हों और आप कुछ कहना चाहते हो पर आपको अंग्रेजी में वाक्य बनाने में या सही शब्द याद करने में समय लग रहा है।

    ऐसे में यदि आप काफी समय तक चुप रहते हैं तो सामने वाला ये सोच सकता है कि आप उससे बात नहीं करना चाहते या आपसे जो पुछा जा रहा है वो आपको मालूम नहीं। ऐसे में या तो वो किसी और से बात करने लगेगा या कुछ और पूछने लगेगा।

    ऐसी स्थिति में जब आप कुछ सोच रहे हैं तो सामने वाले को भी बताएं कि आप कुछ सोच रहे हैं। इसके लिए आप कुछ ध्वनियों का प्रयोग कर सकते हैं जैसे ऊँऽऽऽऽऽ, अऽऽऽऽऽऽ, हूँऽऽऽऽऽऽऽ आदि। इन्हें hesitation devices कहते हैं। इस प्रकार आप आप hesitation devices का प्रयोग कर टाइम buy कर सकते हैं और अपना वाक्य तैयार कर के बोल सकते हैं।
  3. कई बार कोई शब्द एकदम याद ही न आने पर आप आपनी बात को अन्य शब्दों द्वारा describe कर के भी बोल सकते हैं। यहाँ तक की आप अपने सामने वाले से भी शब्द पूछ सकते हैं। इसके लिए आप कहें What was the word for और फिर उस चीज को अन्य शब्दों या इशारों में समझाएं। ऐसा पूछने पर अगर सामने वाले को आपकी बात समझ में आ गयी तो वो खुद आपको सही शब्द बता देगा।
  4. अगर आपको अच्छी अंग्रेजी नहीं आती तो बहुत तेज बोलने की कोशिश न करें बल्कि रुक-रुक कर आराम से बात करें। देखिये आप कोई न्यूज़ एंकर तो हैं नहीं कि आपको फ़टाफ़ट 10 मिनट में 100 खबरें सुनानी हैं। So Relax!

    आराम से रुक-रुक कर बोलने का एक फायदा ये भी होता है कि इससे सामने वाले को अंदाजा हो जाता है कि आप आराम से बोलेंगे इसलिए वो आपके बोलने का इंतज़ार करता है। वहीँ अगर आप कुछ बातें बहुत जल्दी से बोल देते हैं और कुछ बातों में समय लगाते हैं तो देर लगने पर सामने वाला समझता है कि आप कुछ बोलना नहीं चाहते। इसलिए consistent रहने का प्रयास करें।
  5. अंग्रेजी में बात करते समय बोल-चाल की भाषा का प्रयोग करें। अंग्रेजी में बात करने के कम मौके मिलने पर जब आप अंग्रेजी पढ़कर और न्यूज़ आदि सुनकर बात करना शुरू करतें हैं तो आप bookish लैंग्वेज बोलते हैं। जो सामान्य बोलचाल में अटपटा लग सकता है।

    मैंने जब अंग्रेजी बोलना शुरू किया तो जैसे ही मैं कुछ बोलता था लोगों को shock लगता था और वो हँसने लगते थे। आप सोच रहे होंगे कि मैं कुछ गलत बोल देता था या मेरी बात सामने वाले को समझ में नहीं आती थी पर ऐसा नहीं था। ऐसा होने के दो कारण थे पहला तो मेरे उच्चारण में मेरी मातृभाषा का असर होता था और दूसरा मैं किताबी भाषा का प्रयोग करता था जिसमें वाक्य लम्बे और शब्द कठिन होते थे। अब आप ही सोचिये एक तो कठिन शब्द और उसपर उच्चारण अजीब ऐसे में किसे हँसी नहीं आयेगी।
  6. अंग्रेजी बोलने के लिए आप अंग्रेजी में ही सोचिये। अंग्रेजी बोलते समय अंग्रेजी में ही सोचने के कई फायदे हैं।

    इससे अपनी भाषा में सोचकर उसे अंग्रेजी में ट्रांसलेट करने का समय बाच जाता है।

    हर भाषा का अपना एक structure होता है और हर भाषा के अपने शब्द होते हैं जिनके तुल्य शब्द दूसरी भाषा में भले ही मिल जायें पर ये जरूरी नहीं की इन शब्दों का प्रयोग उतना ही सामान्य बोलचाल में भी होता हो।

    जैसे मैंने अपनी पोस्ट सीरीज का टाइटल “अंग्रेजी बोलना कैसे सीखें” रखा है अब मैं इसको अंग्रेजी में ट्रांसलेट करता हूँ तो इसका टाइटल होगा “How To Learn To Speak English” लेकिन अगर मैं यह टाइटल अंग्रेजी में ही सोचता तो मैं इसका टाइटल “How To Learn Spoken English” रखता।
  7. अपनी social और नेटवर्किंग स्किल्स का प्रयोग करें अधिक से अधिक ऐसे groups और लोगों से जुड़ें जिनसे आप अंग्रेजी में बात कर सकें। ये लोग अंग्रेजी में बात करने वाले या आप की ही तरह से अंग्रेजी बोलना सीखने के इच्छुक हो सकते हैं।
  8. अंग्रेजी सीखने के कोर्स join करें। लेकिन ध्यान रहे ऐसे कोर्सेज को ही चुने जिनमें अंग्रेजी बोलने पर जोर हो और अंग्रेजी बोलने की प्रैक्टिस कराई जाती हो। वरना अंग्रेजी grammar आदि सीखते-सीखते और ग्रुप डिस्कशन की एक दो class में ही दो-तीन महीने निकल जायेंगे और कोर्स समाप्त होने पर भी आप की अंग्रेजी बोलने की क्षमता में कुछ ज्यादा इम्प्रूवमेंट नहीं हो पायेगा।
  9. अंग्रेजी से रिलेटेड काम या एक्टिविटी join करें। ऐसे काम करें जहाँ आपको अंग्रेजी सीखने या अंग्रेजी में बात करने के मौके मिल सकें। और अगर आपको ऐसा काम मिल सके जहाँ पर You can earn while you learn English फिर तो सोने पे सुहागा हो जायेगा। जैसे इंग्लिश कॉल सेंटर join करना।


दोस्तों अंग्रेजी बोलना कैसे सीखें इस विषय पर मेरी यह तीन posts की सीरीज इन टिप्स के साथ ही समाप्त होती है। मेरी आशा है कि इन articles से आपको अंग्रेजी सीखने में जरूर मदद मिलेगी। इसलिए अगर आप अंग्रेजी बोलना चाहते हैं तो न सिर्फ इन articles को पढ़ें बल्कि इनपर अमल भी करें। आप अपनी progress कमेंट या ईमेल के द्वारा हमें बता सकते हैं। हमारा ईमेल पता है safalbharat.com@gmail.com ।

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7/7/16

English बोलना कैसे सीखें How To Learn To Speak English Part 2

अंग्रेजी बोलना कैसे सीखे
दोस्तों अपनी पिछली पोस्ट में हमने अंग्रेजी बोलने के लिए एक आधार तैयार किया। और अब बारी है उस आधार पर इमारत खड़ी करने की। हो सकता है की बहुत से लोगों को ये लगे की पिछली पोस्ट में मैंने कुछ ख़ास नहीं बताया और उस पोस्ट की जरूरत ही नहीं थी। पर किसी इमारत की नीव का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि जब नींव मजबूत होगी तभी इमारत मजबूत होगी।

पिछली पोस्ट में आपने जाना की आपको English बोलना क्यों सीखना चाहिए और English बोलने के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता होगी। आइये अब इस पोस्ट में हम जानते हैं कि आप English बोलना कैसे सीख सकते हैं?

1. English बोलना सीखने के लिए English सुनिए

इंसान कोई भी भाषा सुन-सुन कर ही सीखता है। जो वह सुनता है उसी की नकल करता है और धीरे-धीरे उसे समझने लगता है।

इसलिए आप जितना अधिक अंग्रेजी सुन सकें उतना ही अच्छा है। अंग्रेजी सुनने के बहुत से साधन जैसे टीवी रेडिओ, फ़िल्में internet आदि हमारे पास मौजूद हैं इनका फायदा उठाइए और जितना हो सके उतना अंग्रेजी ध्यान पूर्वक सुनिए।

शुरू में हो सकता है की आप जो सुने उसका बहुत कम समझ में आए पर घबराइये नहीं लगे रहिये। यहाँ मुख्य बात ध्यान पूर्वक सुनना है। भले ही पांच मिनट में सिर्फ एक वाक्य ही आप समझे हों पर उस पर ध्यान दें और बार-बार दोहरायें।

2. अंग्रेजी बोलना सीखने के लिए अंग्रेजी में बात कीजिये

अंग्रेजी बोलने का सबसे जरूरी नियम है कि आप अंग्रेजी में बात करें। अब आप सोच रहे होंगे कि जब तक आप अंग्रेजी सीखेंगे नहीं तब तक आप अंग्रेजी बोलेंगे कैसे। भले ही यह सुनने में मुर्गी पहले आयी कि अंडा? जैसा लगे जिसका जवाब आज तक नहीं मिला।

लेकिन अंग्रेजी सीखने के मामले में जवाब बिलकुल आसान है। आप अंग्रेजी बोलते-बोलते अंग्रेजी सीखिए और अंग्रेजी सीखते-सीखते अंग्रेजी बोलिए।

मैं अपने ख़ुद के अनुभव से बताना चाहूँगा कि मुझे अंग्रेजी बोलना सीखने में काफी समय लगा क्योंकि भले ही मैं कितनी भी अंग्रेजी सुनता, पढ़ता या लिखता था पर मैं अंग्रेजी बोलता नहीं था। इसकी वजह से अंग्रेजी बोलने के जो मौके मुझे मिलते थे मैं वो भी इस्तेमाल नहीं कर पाता था।

मेरे लिए अंग्रेजी बोलना सीखने का यह सबसे मुश्किल पार्ट था। भले ही मैंने कितनी भी अंग्रेजी किताबें पढ़ रखी थी, भले ही मैंने अंग्रेजी शब्दों की डायरी बना राखी थी और English न्यूज़ पेपर से छाँट-छाँट कर शब्द उनके अर्थ और उनसे बनने वाले वाक्यों के उदहारण लिख रखे थे, भले ही मैंने Word Power Made Easy किताब से सैकड़ों root वर्ड्स सीख लिए थे, भले ही मैं मेरे सामने वाला अंग्रेजी बोलने में क्या गलती कर रहा है तुरंत पकड़ लेता था। लेकिन मैं अंग्रेजी नहीं बोल पाता था।

सच ये था कि मुझे अंग्रेजी बोलना नहीं अता था। उन लोगों के बराबर भी नहीं जिनकी गलतियाँ मैं पकड़ लेता था।

देखिये अंग्रेजी जानना और अंग्रेजी बोलना दो अलग अलग चीजें हैं। भले ही दोनों एक दूसरे पर dependent हैं लेकिन अगर आप अंग्रेजी जानते हैं तो इसका ये मतलब नहीं की आप अंग्रेजी बोल भी सकते हैं।

इसलिए आप चाहे जैसे भी हो अंग्रेजी बोलना शुरू कीजिये।

जी हाँ! अब आप अपने घमण्ड को अलग रख दीजिये और जैसा भी गलत-सही English बोल सकते हैं वैसा ही बोलिए। और फिर धीरे-धीरे इसमे सुधार कीजिये।

3. अंग्रेजी बोलना सीखने के लिए अंग्रेजी पढ़िए

जब हम किसी को अंग्रेजी बोलते सुनते हैं तो वह हमें बहुत तेज बोलता लगता है। हो सकता है उसकी ज्यादातर बातें आपको समझ में ही ना आये ऐसे में आप सीखेंगे कैसे? इसके लिए अंग्रेजी पढ़ना भी अंग्रेजी सीखने का एक तरीका है।

अब पढ़ाई दो तरीके से हो सकती है एक तो आप पढ़ते जायें पढ़ते जायें और थोड़ा बहुत जो समझ में आए समझते जायें। वहीँ दूसरा तरीका है कि आप थोड़ा ही पढ़ें उसे समझें, उसे बोलें, उस पर नोट्स बनायें और इस पढ़े हुए को भविष्य में समय-समय पर दुहराते रहें।

दोनों तरीकों से पढ़ने का अपना महत्व है। जहाँ तेजी से काफी ज्यादा पढ़कर आप नए-नए वाक्यों और शब्दों के संपर्क में आ सकते हैं वहीँ धीरे-धीरे पढ़कर आप नए पुराने वाक्यों और शब्दों को अपने दीमाग में पक्का कर सकते हैं जिससे आगे उनका इस्तेमाल बोलते समय कर सकें।

4. अंग्रेजी बोलना सीखने के लिए नोट्स बनाइये

आप जो भी अंग्रेजी सुनते, बोलते या पढ़ते हैं उसमें से जो भी आपको महत्वपूर्ण लगे उसे नोट कर लीजिये और बार बार दोहराइए। लिखने से आप एक एक चीज पर ज्यादा समय देते हैं और वो आपके दिमाग में क्लियर हो जाती है।

नोट्स बनाने के लिए आप अंग्रेजी या अन्य किसी भी भाषा का प्रयोग कर सकते हैं। ये भी जरूरी नहीं की आप अंग्रेजी लिखने के लिए रोमन लिपि का ही प्रयोग करें। आप देवनागरी लिपि में भी English लिख सकते हैं जैसे कि आप

I can speak English.

की जगह

आई कैन स्पीक इंग्लिश। भी लिख सकते हैं।

जरूरी बात ये है कि ये नोट्स आपके लिए उपयोगी होने चाहिए। इन नोट्स को देखकर भविष्य में आप अपनी progress का आकलन कर सकते हैं।

5. अंग्रेजी बोलने के लिए शर्म छोड़िये

जब आप अंग्रेजी बोलना शुरू करेंगे तो अक्सर आपको शर्मसार करने वाली परिस्थितियों (embarrassing situations) का सामना करना पड़ेगा। और कोई भी किसी के सामने शर्मसार नहीं होना चाहता। लेकिन कुछ भी नया सीखने का यही सबसे बड़ा नियम है कि आपको अपनी शर्म को इस मामले में छोड़ना पड़ेगा। हजारों साल पहले आचार्य चाणक्य ने कहा था

धन-धान्यप्रयोगेषु विद्यासंग्रहणेषु च।

आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्।।
–आचार्य चाणक्य

पैसे के लेंन-देन में, विद्या ग्रहण करने में, भोजन करने में और व्यवहार करने में जो शर्म नहीं करता वह सुखी रहता है।
–आचार्य चाणक्य

अगर आप गलतियाँ करने के डर से अंग्रेजी नहीं बोलते तो आप कभी भी अंग्रेजी नहीं बोल पाएंगे! क्योंकि आप कितनी भी पढ़ाई कर लें, चाहे आप अंग्रेजी में B.A., M.A. ही क्यों न कर लें, जब तक आप अंग्रेजी बोलेंगे नहीं तब तक आप अंग्रेजी सीखेंगे नहीं। और जब आप अंग्रेजी बोलना शुरू करेंगे तो आप से गलतियाँ होंगी ही। पर इन गलतियों से घबराइये नहीं, बल्कि अंग्रेजी बोलने का अभ्यास कर के इन गलतियों की संख्या को कम करते जाइये।

6.प्रतिदिन थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़िये

अंग्रेजी बोलना सीखने में समय लगता है। इसलिए आप थोड़ा-थोड़ा ही सही पर प्रतिदिन प्रयास कीजिये और आगे बढ़िये।

कई बार लोग बहुत ही काम समय में अंग्रेजी सीखने का लक्ष्य बना लेते हैं इससे उनके निराश होकर अंग्रेजी सीखना छोड़ देने की बहुत अधिक संभावना रहती है। इसलिए कितना समय लगता है इससे ज्यादा जरूरी हैं कि आप प्रतिदिन थोड़ा-थोड़ा ही सही पर progress करते रहें।

बूँद-बूँद से सागर भरता है वाली कहावत तो आपने सुनी ही होगी, बस आपको इसी को follow करना हैं। और आपकी सफलता निश्चित है।

मित्रों यहाँ पर बताये गए तरीकों से आप अंग्रेजी बोलना सीख सकते हैं। याद रखिये अंग्रेजी बोलना सीखने के लिए अंग्रेजी सुनना और अंग्रेजी बोलना ये दो सबसे महत्वपूर्ण काम हैं। अब इन कामों को करना आपके लिए कितना आसान या मुश्किल है ये आप की परिस्थितियों और आप पर निर्भर करता है।

लेकिन घबराइये नहीं अपनी अगली पोस्ट में मैं आपको कुछ ऐसी प्रैक्टिकल टिप्स दूंगा जो आपको यहाँ बताये गए तरीकों को implement करने में सहायक होंगी। और हाँ अपनी पिछली पोस्ट में मैंने कुछ बताने का वादा किया था वो भी मैं अपनी अगली पोस्ट में पूरा करूंगा।

जरूर पढ़ें अगला भाग अंग्रेजी बोलना सीखने के बेहतरीन टिप्स



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मित्रों यह अंग्रेजी बोलना कैसे सीखें इस विषय पर मेरी यह दूसरी पोस्ट आपको कैसे लगी अपने कमेन्ट के द्वारा बताएं।

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